Ujjain Simhastha 2028: AI, ग्रीन कॉरिडोर और स्मार्ट कमांड सेंटर से आयोजन का सफल प्रबंधन होगा, श्रद्धालुओं का अनुभव बेहतर होगा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
सिंहस्थ 2028 उज्जैन में आयोजित होने जा रहा है, और इस धार्मिक आयोजन की तैयारियाँ जोरों पर हैं। सिंहस्थ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है, और यह लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। उज्जैन में होने वाले इस महाकुंभ में देश-विदेश से लोग आकर शिप्रा में स्नान करेंगे और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बनेंगे। इसके चलते शहर में तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चरल बदलाव और व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है ताकि इस बार का सिंहस्थ और भी भव्य और सुविधाजनक हो।
ऐसे में उज्जैन सिंहस्थ 2028 को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए राज्य सरकार ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर उज्जैन के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का दौरा करने पहुंची। इस टीम ने वाराणसी का भी दौरा किया। टीम में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा के साथ कई अधिकारी थे। टीम ने प्रयागराज पहुंचकर महाकुंभ की व्यवस्थाओं को बारीकी से देखा और गहराई से अध्ययन किया।
प्रयागराज महाकुंभ का अध्ययन कर लौटे उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सिंहस्थ महाकुंभ 2028 में एक नई तकनीकी पहल के तहत, पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जाएगा। यह कदम न केवल भीड़ प्रबंधन में मदद करेगा, बल्कि यातायात, वाहनों की निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। हेडकाउंट, ट्रैफिक अलर्ट और वाहनों की निगरानी के लिए AI की मदद से सभी विभागों के कार्यों में सुगमता आएगी, जिससे हर श्रद्धालु को आरामदायक और सुरक्षित अनुभव मिलेगा।
सिंहस्थ में ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जो आग लगने की घटनाओं पर तत्काल नियंत्रण पाने में मदद करेगा। प्रयागराज कुंभ की टीम द्वारा किए गए उत्कृष्ट अग्नि नियंत्रण उपायों को ध्यान में रखते हुए, शिप्रा तट पर भी ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे किसी भी अप्रिय घटना के वक्त तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जा सके।
उन्होंने आगे बताया कि सिंहस्थ महाकुंभ 2028 में स्पेशल कमांड सेंटर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस सेंटर के माध्यम से सभी आपात स्थितियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, एनडीआरएफ, होमगार्ड, और स्थानीय वॉलंटियर को भी आपदा प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति का तुरंत समाधान किया जा सके।
वहीं, प्रयागराज के कुंभ से जुड़े अनुभवी सरकारी विभागों के अफसरों को कुंभ के बाद यहां बुलाकर स्थानीय सरकारी अमले को ट्रेनिंग भी दिलवाएंगे। इससे उनके अनुभव का लाभ स्थानीय अमले को मिल सके। कलेक्टर ने बताया कि सिंहस्थ 2028 में स्वच्छता और पेयजल व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। नगर पालिक निगम, पीएचई और जल संसाधन विभाग के अफसरों को प्रयागराज कुंभ में भेजा जाएगा, ताकि वे वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर अपने अनुभवों से सिंहस्थ क्षेत्र में सुधार करें।
सिंहस्थ महाकुंभ 2028 के आयोजन के लिए विद्युत विभाग, सफाई मित्र, और स्थानीय कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इस पहल से हर विभाग को अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वाह करने के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे आयोजन के दौरान हर श्रद्धालु को एक सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक अनुभव मिले।